kuvarbai Nu Mameru Yojana : कुंवरबाई नु मामेरू योजना

कुंवरबाई नु मामेरू योजना (kuvarbai Nu Mameru Yojana), गुजरात सरकार की एक विशेष पहल है, जिसमें राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों, अनुसूचित जातियों (SC), और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBC/OBC) की बेटियों को विवाह के अवसर पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना का मकसद सतत विकास, लिंग समानता और बाल विवाह रोकना है। 😇
यह योजना प्रति बेटी ₹12,000 की सीधी राशि (DBT) प्रदान करती है, जो सरकार द्वारा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इससे गरीब परिवारों को बेटी के विवाह के खर्च में सहायता मिलती है, और साथ ही समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है। kuvarbai Nu Mameru Yojana
योजना की इतिहास और पृष्ठभूमि ( kuvarbai Nu Mameru Yojana )
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शुरुआत: यह योजना वर्ष 1991 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य गुजरात की बेटियों को विवाह संबंधी आर्थिक भार को कम करना था।
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भारतीय संदर्भ: “मामेरू” शब्द गुजराती भाषा में “मातृत्व से संबंधित” होता है। दीपक लेखक नरसिंह मेहता ने भी सामाजिक संदर्भ में “Kunverbai nu Mameru” नामक रचना लिखी थी, लेकिन यह योजना उससे अलग और समर्पित सरकारी पहल है।

योजना की मुख्य विशेषताएँ (Key Features)
✅ लाभ राशि
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विवाह 1 अप्रैल 2021 के बाद: ₹12,000 प्रदान की जाती है।
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विवाह पहले हुए (Before 1 April 2021): ₹10,000 की राशि मिलती थी।
👩👧👧 लाभार्थियों की संख्या
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इस योजना का लाभ 43,000+ लाभार्थी प्राप्त कर चुके हैं।
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वित्त वर्ष 2023–24 में 11,300+ लाभार्थियों को ₹13.51 करोड़ से अधिक की सहायता दी गई।
💰 कुल वितरित धनराशि
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कुल ₹49.56 करोड़ से अधिक की राशि अब तक जारी की गई।
योजना का उद्देश्य (Objectives)
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आर्थिक भार कम करना – गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक बोझ का कम करना।
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बेटियों के प्रति समर्पण – समाज में बेटी को महत्व और आत्म-सम्मान देना।
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बाल विवाह पर प्रतिबंध – न्यूनतम विवाह आयु (कन्याओं के लिए 18 वर्ष, वरों के लिए 21 वर्ष) के अनुपालन को बढ़ावा देना।
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पुनर्विवाह सहायता – विधवाओं या पुनर्विवाह करने वाली बेटियों को भी योजना का लाभ मिलता है।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
नीचे गुजरात सरकार की कुंवरबाई नु मामेरू योजना की पात्रता सूची दी गई है:
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गुजरात निवासी: लाभार्थी को गुजरात का मूल निवासी होना अनिवार्य।
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आय सीमा: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुल वार्षिक आय ₹6 लाख तक होनी चाहिए।
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जाति / वर्ग: अनुसूचित जाति (SC), OBC, अथवा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार (EWS) की बेटी प्राथमिकता में हैं।
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विवाह की आयु:
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कन्याओं: कम से कम 18 वर्ष
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वर: कम से कम 21 वर्ष
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लाभ सीमा: एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के लिए लाभ।
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आवेदन समय: विवाह के बाद 2 वर्षों के भीतर आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऐप्लाई करना अनिवार्य।
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पुनर्विवाह लाभ: यदि विवाह से पहले विधवा पुनर्विवाह करती है, तब भी योजना लागू होती है।
लाभ राशि वितरण (Amount Disbursement)
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₹12,000 – 1 अप्रैल 2021 के बाद हुई विवाह पर।
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₹10,000 – इससे पहले हुई शादी पर।
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राशि सीधे लाभार्थी बेटी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है।

आवेदन प्रक्रिया चरण-दर-चरण (Application Process)
🔹 स्टेप 1: अधिकारिक पोर्टल पर जाएँ
गुजरात सरकार का e-Samaj Kalyan पोर्टल खोलें:
https://esamajkalyan.gujarat.gov.in
🔹 स्टेप 2: रजिस्ट्रेशन / लॉगिन
यदि पहले से अकाउंट नहीं है, तो नया पंजीकरण करें; अन्यथा लॉगिन करें।
🔹 स्टेप 3: आवेदन फॉर्म भरें
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व्यक्तिगत जानकारी (नाम, पता, आयु, मोबाइल इत्यादि) दर्ज करें।
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शादी की जानकारी दर्ज करें (तारीख, उम्र, आदि)।
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परिवार की वार्षिक आय और जाति का विवरण दें।
🔹 स्टेप 4: दस्तावेज़ अपलोड करें (Required Documents)
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बेटी और पिता/अभिभावक के आधार कार्ड
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जाति प्रमाणपत्र (SC/OBC)
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विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Certificate)
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वार्षिक आय प्रमाणपत्र
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निवास प्रमाण (बिजली बिल, राशन कार्ड, वोटर कार्ड आदि)
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बैंक पासबुक की पहली पृष्ठ की प्रति
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स्नातक-बेहतर स्थिति में जन्म या स्कूली प्रमाण पत्र
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संयुक्त दूल्हा-दुल्हन फोटो
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विधवा/पुनर्विवाह की स्थिति में संबंधित प्रमाण पत्र
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अन्य आवश्यक दस्तावेज जैसे जिम्मेदारी पत्र / आफिडेविट
🔹 स्टेप 5: स्वीकृति व सत्यापन
फॉर्म जमा होने के बाद आधिकारिक अधिकारी सत्यापन करेंगे।
🔹 स्टेप 6: राशि प्राप्ति
सत्यापन पश्चात ₹12,000 राशि लाभार्थी की बैंक खाते में DBT से पहुँचाई जाएगी।
सहायक जानकारी (Supporting Details)
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💡 यदि कंपनी पति-पत्नी साथ में सामूहिक (Group) विवाह में शामिल हों, तो वे “सात फेरा सामूहिक विवाह योजना” और कुंवरबाई नु मामेरू के दोगुने लाभ ले सकते हैं।
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योजना की वर्तमान प्रक्रिया को सरल बनाया गया है – पहले 13 दस्तावेजों की आवश्यकता थी, अब केवल आवश्यकतम कुछ।
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इस योजना से जुड़े पुनर्विवाह (remarriage) की स्थिति में भी लाभ मिलता है।

(FAQs) kuvarbai Nu Mameru Yojana
Q1: एक ही परिवार में तीन बेटियाँ हों, तो एक ही लाभ मिलेगा?
A: नहीं। प्रति परिवार दो बेटियों तक ₹12,000 का लाभ मिलता है।
Q2: शादी के 2 साल बाद आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकता/सकती हूँ?
A: हाँ, विवाह के दो वर्षों के अंदर आवेदन करना अनिवार्य है।
Q3: वार्षिक आय सीमा अधिक होने पर क्या लाभ मिलेगा?
A: नहीं, वार्षिक आय सीमा (₹6 लाख) के पार होने पर आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है।
Q4: शादी से पहले फॉर्म जमा किया, तो क्या राशि मिलेगी?
A: योजना के तहत राशि विवाह पश्चात ही DBT के माध्यम से दी जाती है।
Q5: डिपॉजिट कितने दिन में बैंक में आयेगी?
A: आवेदन अनुमोदन के 30–60 दिनों के भीतर राशि बैंक खाते में आ जाती है, हालाँकि इसमें समय स्थानीय कार्यालयों पर भी निर्भर करता है।
योजना के सकारात्मक प्रभाव (Benefits)
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वित्तीय सहायता – लड़की के विवाह के खर्च से गरीब परिवारों को राहत।
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लिंग समानता – बेटियों को सम्मान और विश्वास की भावना।
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शिक्षा व स्वास्थ्य – परिवारों में बेटियों की शिक्षा जारी रखने की प्रेरणा।
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बाल विवाह से मुकाबला – न्यूनतम आयु तक विवाह सुनिश्चित करने की प्रवृत्ति।
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स्त्री सशक्तिकरण – पुनर्विवाह या विधवा हुए मामलों में महिलाओं को मदद।
कुंवरबाई नु मामेरू योजना गुजरात सरकार द्वारा बेटियों की आर्थिक सुरक्षा और लैंगिक समानता के मार्ग पर एक प्रेरणादायक कदम है। इस योजना ने 43,000+ लाभार्थियों और ₹49.56 करोड़ की सहायता के साथ वैधानिक तौर पर गरीब परिवारों को पैसा पहुंचाया है, जिससे उन्हें शादी के खर्च से राहत मिली है। साथ ही साथ यह पहल न्यूनतम विवाह आयु सुनिश्चित करने, बाल विवाह वर्जित नीति की दिशा में भी सहायक साबित हो रही है। kuvarbai Nu Mameru Yojana
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